गुरुद्वारा डेरा साहिब में महाराजा रणजीत सिंह को श्रद्धांजलि, भारत से श्रद्धालुओं की कमी खली

गुरुद्वारा डेरा साहिब में  महाराजा रणजीत सिंह को श्रद्धांजलि, भारत से श्रद्धालुओं की कमी खली

लाहौर के गुरुद्वारा डेरा साहिब में मनाई गई महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि, अहम मंत्री रहे अनुपस्थित

लाहौर अली इमरान चठ्ठा 

शनिवार को सिख सम्राट महाराजा रणजीत सिंह की 184वीं पुण्यतिथि लाहौर के ऐतिहासिक गुरुद्वारा डेरा साहिब में श्रद्धा और गरिमा के साथ मनाई गई। यह केन्द्रीय समारोह इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ETPB) और पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (PSGPC) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

समारोह की अध्यक्षता ETPB के चेयरमैन डॉ. साजिद महमूद चौहान ने की। उनके साथ अतिरिक्त सचिव श्राइन्स सैफुल्लाह खोखर, प्रो. डॉ. ममपाल सिंह, सतवंत कौर, उप सचिव अली असगर और पूर्व PSGPC अध्यक्ष सरदार बिशन सिंह भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए धार्मिक नेता, गणमान्य व्यक्ति और श्रद्धालु शामिल हुए।

डॉ. चौहान ने महाराजा रणजीत सिंह को न्यायप्रिय, धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए समर्पित शासक के रूप में याद किया।

"महाराजा रणजीत सिंह का शासन धार्मिक सहिष्णुता और न्याय का प्रतीक था। उन्होंने सभी धर्मों के पवित्र स्थलों की रक्षा की," — डॉ. चौहान

उन्होंने भारत द्वारा सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान आने की अनुमति न देने पर निराशा व्यक्त की और इसे धार्मिक सौहार्द के लिए एक बाधा बताया। साथ ही उन्होंने गुरुद्वारा डेरा साहिब, ननकाना साहिब और पंजा साहिब जैसी जगहों के हालिया संरक्षण और मरम्मत कार्यों का भी उल्लेख किया।


डॉ. चौहान ने कहा:

“हम केवल इमारतों को नहीं बचा रहे, बल्कि समुदायों से रिश्ते भी मज़बूत कर रहे हैं।”

अतिरिक्त सचिव सैफुल्लाह खोखर ने भी पाकिस्तान की खुली धार्मिक नीति पर जोर दिया:

“हम भारत सहित पूरी दुनिया से श्रद्धालुओं का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। हमने कभी हिंदू या सिख आगंतुकों के प्रवेश पर रोक नहीं लगाई।”

श्रद्धालुओं के लिए आधुनिक ठहराव की व्यवस्था, मुफ्त लंगर, चिकित्सा सुविधाएं और सुरक्षा का पुख़्ता प्रबंध किया गया था। समापन पर सरोपा और उपहार देकर सम्मानित किया गया।

महत्वपूर्ण मंत्रियों की गैरहाज़िरी बनी चर्चा का विषय

इस ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण समारोह में दो प्रमुख अधिकारियों — PSGPC के चेयरमैन एवं पंजाब के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा और धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री सरदार यूसुफ — की अनुपस्थिति ने लोगों को चौंका दिया। श्रद्धालुओं और धर्मगुरुओं के बीच यह सवाल उठने लगे कि क्या राजनीति, धर्म से ऊपर हो गई है?



Posted By: TAJEEMNOOR KAUR