कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान, पंजाब में आपदा घोषित
- इंटरनेशनल
- 13 Sep,2025

लाहौर,अली इमरान चठ्ठा
पंजाब इस समय हालिया वर्षों की सबसे भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है। रावी, सतलुज और चनाब नदियों के उफान ने 4,500 से अधिक गांवों को डुबो दिया है और करीब 24.5 लाख लोग सीधे प्रभावित हुए हैं।
अब तक 97 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि राहत दलों का कहना है कि जैसे-जैसे दूरदराज़ इलाकों तक पहुंच हो रही है, मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है। लाखों लोग अपने घर छोड़कर ऊंचे स्थानों और छतों पर शरण लेने को मजबूर हैं।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में बिजली, सड़क और मोबाइल नेटवर्क ठप हैं, जिससे मदद पहुंचाने में गंभीर कठिनाइयाँ आ रही हैं। पीने के पानी और भोजन की किल्लत ने हालात को और बिगाड़ दिया है, वहीं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पानी से फैलने वाली बीमारियों के फैलने की चेतावनी दी है।
कई शहरों को बचाने के लिए प्रशासन ने तटबंधों में नियंत्रित कटाव (controlled breaches) किया है, लेकिन शुजाबाद समेत कई इलाकों में कमजोर बांध अभी भी खतरा बने हुए हैं।
राहत कार्यों के दौरान ड्रोन के ज़रिये भोजन पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं। सेना, रेस्क्यू 1122 और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार काम कर रही हैं, लेकिन तबाही का पैमाना बहुत बड़ा है।
पंजाब का कृषि क्षेत्र पूरी तरह तबाह हो गया है। फसलें और पशुधन बह गए, जिससे किसानों की रोज़ी-रोटी और आने वाले महीनों में खाद्य सुरक्षा पर संकट मंडरा रहा है।
सरकार ने कई तहसीलों को आपदा-ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर राहत पैकेज का ऐलान किया है, लेकिन पुनर्वास का रास्ता बेहद लंबा और कठिन माना जा रहा है।
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