उग्रवाद से निपटने के लिए पंजाब विधानसभा अध्यक्ष का पाठ्यक्रम सुधार का प्रस्ताव

उग्रवाद से निपटने के लिए पंजाब विधानसभा अध्यक्ष का पाठ्यक्रम सुधार का प्रस्ताव

पाँच वर्षीय उग्रवाद-रोधी रणनीति के तहत ‘ख़वारिज’ पर ऐतिहासिक पाठ शामिल करने का सुझाव
लाहौर,(नज़राना टाइम्स) अली इमरान चठ्ठा
 


 

बढ़ते हिंसक उग्रवाद से निपटने के लिए पंजाब सरकार एक पाँच वर्षीय रणनीति तैयार कर रही है, जिसके तहत पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने व्यापक शैक्षणिक सुधारों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है।
पंजाब सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस ऑन काउंटरिंग वायलेंट एक्सट्रीमिज़्म (CoE-CVE) द्वारा आयोजित रणनीतिक योजना कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विधानसभा अध्यक्ष मलिक मुहम्मद अहमद ख़ान ने कहा कि प्रारंभिक इस्लामी इतिहास की ‘फ़ितना-ए-ख़वारिज’ से जुड़ी शिक्षाओं को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए, ताकि आधुनिक उग्रवादी विचारधाराओं को बेनकाब किया जा सके।
उन्होंने कहा, “अगर यह काम पहले कर लिया गया होता, तो आज स्थिति में काफ़ी सुधार दिखाई देता।” उन्होंने हालिया भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को “आतंकवाद का सबसे घृणित रूप” करार दिया। उन्होंने ज़ोर दिया कि नागरिकों को शिक्षित करना राज्य की मूल ज़िम्मेदारी है और चेतावनी दी कि “यदि राज्य अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाएगा, तो कोई और उस स्थान को भर देगा।”
दो दिवसीय यह कार्यशाला बुधवार को समाप्त हुई, जिसमें नेशनल काउंटर टेररिज़्म अथॉरिटी (NACTA), प्रांतीय गृह विभागों, पुलिस, शिक्षाविदों और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
चर्चा का मुख्य केंद्र प्रतिक्रियात्मक कदमों की बजाय रोकथाम आधारित, सक्रिय रणनीति अपनाना रहा, जिसमें सामाजिक एकता को केंद्रीय महत्व दिया गया।
बैठक में युवाओं की भागीदारी, मीडिया की भूमिका, डिजिटल लचीलापन तथा उग्रवाद से प्रभावित व्यक्तियों के पुनर्वास से जुड़े सुझाव सामने आए। इसके साथ ही आगामी प्रांतीय रणनीति के लिए शासन और निगरानी रोडमैप भी तैयार किए गए।
उल्लेखनीय है कि CoE-CVE की स्थापना 25 जून 2025 को पारित एक क़ानून के तहत की गई थी, जिसका उद्देश्य पंजाब में उग्रवाद से निपटने के लिए अनुसंधान-आधारित ढांचा विकसित करना है।


Author: Ali Imran Chattha
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