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शकरगढ़ सीमा क्षेत्र में सियारों के हमले, दहशत फैली

07 Dec, 2025 01:36 AM
शकरगढ़ सीमा क्षेत्र में सियारों के हमले, दहशत फैली

लाहौर (नज़राना टाइम्स) · 6 दिसंबर अली इमरान चठ्ठा
 

शकरगढ़ के सीमा क्षेत्रों में जंगली सियारों के अचानक हमलों ने लोगों में भारी डर और दहशत फैला दी है। इन हमलों में कई निवासी घायल हुए हैं। पहले ही मूल सुविधाओं की कमी, गरीबी और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही ग्रामीण आबादी अब इस नई मुसीबत की वजह से मानसिक तनाव और असुरक्षा झेल रही है।
रिपोर्टों के अनुसार ये हमले ज्यादातर दिन के समय होते हैं, जब लोग रोजमर्रा के कामों के लिए घर से बाहर निकलते हैं या खेतों में काम कर रहे होते हैं। घायलों में महिलाएँ, बुज़ुर्ग, युवा और बच्चे शामिल हैं। यह स्थिति न केवल मानव जीवन के लिए खतरा है बल्कि पूरे क्षेत्र की सामान्य गतिविधियों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। लोग डर के कारण घरों में कैद हो रहे हैं, कारोबार ठप हो रहे हैं और शैक्षिक गतिविधियाँ भी बाधित हो रही हैं।
दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इतने गंभीर घटनाक्रम के बावजूद संबंधित विभाग अब तक कोई प्रभावी और समन्वित रणनीति प्रस्तुत करने में विफल रहे हैं। वन्यजीव विभाग, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तत्काल और संयुक्त कार्रवाई समय की सबसे अहम आवश्यकता है। घायलों के लिए तुरंत और बेहतर चिकित्सा सुविधा, टीकों की उपलब्धता और प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू टीमों की मौजूदगी अनिवार्य है।
इसके साथ ही जन-जागरूकता अत्यंत आवश्यक है ताकि लोग जंगलों या झाड़ियों वाले इलाकों की ओर बिना जरूरत न जाएँ, बच्चों की विशेष निगरानी रखी जाए और किसी भी संदिग्ध स्थिति की तुरंत सूचना संबंधित संस्थाओं को दी जाए। संभावित बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग को तुरंत टीकाकरण अभियान और सुरक्षात्मक उपाय शुरू करने चाहिए।
यह मसला केवल एक गाँव या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे जिले के लिए एक गंभीर चेतावनी है। पंजाब सरकार और संबंधित संस्थानों को औपचारिक बयानों से आगे बढ़कर ठोस और त्वरित कार्रवाई करनी होगी, ताकि जनता को इस भयावह स्थिति से राहत मिल सके। अगर समय रहते निर्णायक कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और भी गंभीर रूप ले सकती है, जिसकी ज़िम्मेदारी फिर किसी एक विभाग पर नहीं बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र पर आएगी।
शकरगढ़ के लोगों को अब सिर्फ भरोसा नहीं, बल्कि व्यावहारिक सुरक्षा की आवश्यकता है। राज्य का कर्तव्य है कि नागरिकों के जीवन और संपत्ति की रक्षा हर हाल में सुनिश्चित करे।

Posted By: TAJEEMNOOR KAUR

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