350वीं शहादत शताब्दी पर बरनाला में हुआ भव्य गुरमत समागम

350वीं शहादत शताब्दी पर बरनाला में हुआ भव्य गुरमत समागम

गुरु तेग बहादुर जी की शहादत विश्व धर्म इतिहास में मील का पत्थर: एडवोकेट धामी

हंडियाया गुरुद्वारे में 350वीं शहादत शताब्दी पर भव्य गुरमत समागम

अमृतसर, 21 सितम्बर जुगराज सिंह संधू

श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की 350वीं शताब्दी के उपलक्ष्य में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा बरनाला जिले के हंडियाया स्थित गुरुद्वारा साहिब पातशाही नौवीं में एक भव्य गुरमत समागम आयोजित किया गया। इस अवसर पर एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार बाबा टेक सिंह सहित अनेक प्रमुख हस्तियाँ उपस्थित रहीं।

श्री अखंड पाठ साहिब के भोग उपरांत प्रसिद्ध रागी जत्थों ने गुरबाणी कीर्तन प्रस्तुत किया तथा श्री हरिमंदर साहिब के अतिरिक्त मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी अमरजीत सिंह ने गुरु तेग बहादुर जी की बाणी के संदर्भ में संगत को जीवन की प्रेरणा दी।

एडवोकेट धामी ने अपने संबोधन में कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत विश्व धर्म इतिहास में अत्यंत महत्व रखती है। नौवें पातशाह ने अपने बलिदान द्वारा न केवल हिंदू धर्म की रक्षा की बल्कि अत्याचार का अंत भी किया। उन्होंने कहा कि यदि गुरु साहिब ने शहादत न दी होती तो देश की स्थिति बिल्कुल भिन्न होती।

धामी ने यह भी बताया कि असम से आरंभ हुआ शहीदी नगर कीर्तन अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में पंजाब में प्रवेश करेगा और नवंबर में श्री आनंदपुर साहिब पहुँचकर संपन्न होगा। इस दौरान सभी धर्मों के लोग बड़ी संख्या में भाग ले रहे हैं।

समागम में एसजीपीसी के विद्यालयों और कॉलेजों द्वारा सिख इतिहास पर प्रदर्शनी लगाई गई, धार्मिक पुस्तकों के स्टॉल लगाए गए तथा अमृत संचार कार्यक्रम के दौरान 326 श्रद्धालुओं ने अमृत प्राप्त किया।

कार्यक्रम में कई प्रमुख धार्मिक हस्तियाँ और संगत मौजूद रहीं।