जनरल शाबेग सिंह मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट का उद्घाटन, जत्थेदार गरगज्ज ने की अरदास

जनरल शाबेग सिंह मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट का उद्घाटन, जत्थेदार गरगज्ज ने की अरदास


संत जरनैल सिंह भिंडरांवाले और शहीद योद्धाओं की विरासत को सहेजने के लिए परिवार ने शुरू किया पवित्र प्रयास

"जहां से चला था एक सच्चा सिपाही, वहीं से जागेगी नई प्रेरणा"

अमृतसर, 15 जुलाई:

श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज्ज ने आज गांव खियाला कलां में जनरल शाबेग सिंह मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने 1984 के जून महीने में श्री हरिमंदिर साहिब की पवित्रता की रक्षा में शहीद हुए जनरल शाबेग सिंह की स्मृति में अरदास की।

इस अवसर पर तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई टेक सिंह, जनरल शाबेग सिंह के भाई सरदार बंत सिंह, उनके परिवार के सदस्य और प्रोफेसर बलजिंदर सिंह मौजूद रहे।

समारोह के दौरान जत्थेदार गरगज्ज ने गुरु साहिब के सामने अरदास करते हुए समूचे सिख समुदाय को ऐसे शहीदों की विरासत को सहेजने के लिए साहस और एकता का आशीर्वाद मांगा। सरदार बंत सिंह और उनके परिवार ने जत्थेदार गरगज्ज और जत्थेदार भाई टेक सिंह को सिरोपाओ और तलवार भेंट कर सम्मानित किया। बदले में जत्थेदार गरगज्ज ने भी बंत सिंह को सिरोपाओ देकर उनके प्रयासों की सराहना की।


अपने संबोधन में जत्थेदार गरगज्ज ने 1984 के सिख नरसंहार के दौरान शहीद हुए सिख योद्धाओं की कुर्बानियों को याद किया। उन्होंने विशेष रूप से संत ज्ञानी जरनैल सिंह भिंडरांवाले, जनरल शाबेग सिंह और भाई अमरीक सिंह के साहस की सराहना की, जिन्होंने सिख धर्मस्थलों की मर्यादा की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

उन्होंने जनरल शाबेग सिंह को एक ऐसा वीर सैनिक बताया जो पहले देश के लिए लड़ा और बाद में अपने धर्म और कौम की अस्मिता की रक्षा के लिए भी डटकर खड़ा हुआ।

जत्थेदार गरगज्ज ने जनरल शाबेग सिंह के पुश्तैनी घर को ट्रस्ट में बदलने के इस प्रयास की प्रशंसा करते हुए कहा, “जहां से एक योद्धा ने जीवन की शुरुआत की, वहीं से अब आने वाली पीढ़ियों को उनकी प्रेरणा मिलती रहेगी।”


Posted By: TAJEEMNOOR KAUR