रावी नदी उफान पर; लाहौर और गुजरांवाला सबसे ज्यादा प्रभावित

रावी नदी उफान पर; लाहौर और गुजरांवाला सबसे ज्यादा प्रभावित

पंजाब में 40 साल की सबसे भीषण बाढ़; लाहौर हाई अलर्ट पर

लाहौर,अली  इमरान चठ्ठा

पंजाब प्रांत 40 वर्षों में आई सबसे विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है। भीषण मानसूनी बारिश और भारतीय बांधों से अचानक छोड़े गए पानी ने 1,692 गाँवों को डुबो दिया है, जिससे 14.6 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। लाखों एकड़ फ़सलें बर्बाद हो गईं और सैकड़ों घर, सड़कें और पुल ढह गए या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।

जान-माल का नुकसान

पिछले 24 घंटों में कम से कम 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि स्थानीय अनुमान 25 तक बताते हैं। गुजरांवाला डिवीजन सबसे ज्यादा प्रभावित है। कृषि को भारी नुकसान ने देश की खाद्य सुरक्षा पर भी गहरा असर डाला है।

लाहौर में रावी नदी खतरे की रेखा से ऊपर

28 अगस्त को रावी नदी उफान पर आ गई और मोहलानवाल, बदामी बाग और अज़ीज़ कॉलोनी समेत कई निचले इलाकों में पानी भर गया। शाहदरा पर नदी का जलस्तर 2,19,770 क्यूसेक दर्ज किया गया, जिसे "अत्यधिक ऊँचा" बताया गया है। लगभग 2,000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया और 18 राहत शिविर स्थापित किए गए, जिससे बड़े हादसों को टाला जा सका।

पंजाब की नदियों की गंभीर स्थिति

रावी: शाहदरा 2,11,000 क्यूसेक (अत्यधिक ऊँचा), हेड बलोकी 1,14,110 क्यूसेक (बढ़ता हुआ)

चेनाब: 991 गाँव डूबे; खंकी 9,66,427 क्यूसेक (घटता), क़ादिराबाद 10,54,883 क्यूसेक (खतरनाक)

सतलुज: गंडा सिंह वाला 2,61,053 क्यूसेक (अत्यधिक ऊँचा)

सिंधु: अभी निम्न स्तर पर

राहत व बचाव अभियान

पंजाब सरकार और पाकिस्तान सेना बड़े पैमाने पर राहत कार्य चला रही है:

2,65,000 लोग और 1,54,980 मवेशी सुरक्षित निकाले गए

355 राहत शिविर, 6,656 मरीज़ों का इलाज

72 पशु-चिकित्सा शिविर मवेशियों के लिए

सेना लाहौर, सियालकोट और नारोवाल समेत 8 जिलों में तैनात है। प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने 28 अगस्त को हवाई सर्वेक्षण किया। मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये मुआवज़ा घोषित किया गया।

कारण और आलोचना

भारतीय बांधों से बिना चेतावनी पानी छोड़े जाने को बड़ा कारण बताया जा रहा है, जिसे सिंधु जल संधि का उल्लंघन भी माना जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन, अव्यवस्थित शहरीकरण, वनों की कटाई और कमज़ोर बाढ़ प्रबंधन ने स्थिति को और भयावह बना दि

कृषि: पंजाब की अर्थव्यवस्था को गहरा झटका

सड़कें/पुल: नारोवाल में संपर्क पूरी तरह ठप: गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर पानी में डूब गया। 150 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया। सेना ने साइट को पूरी तरह बहाल करने का भरोसा दिलाया।

आगे का रास्ता

मौसम विभाग ने 2 सितंबर तक मानसून की 9वीं बारिश की चेतावनी दी है। सरकार ने नई जलवायु रेज़िलिएंस रणनीति बनाने के लिए आपात बैठक बुलाई है, जिसमें नए बाँधों का निर्माण भी शामिल हो सकता है।


Author: Ali Imran Chattha
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Posted By: TAJEEMNOOR KAUR
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