लाहौर हाई कोर्ट में भारतीय यात्री के वीज़ा उल्लंघन मामले की सुनवाई

लाहौर हाई कोर्ट में भारतीय यात्री के वीज़ा उल्लंघन मामले की सुनवाई

याचिका नियमित सुनवाई के लिए स्वीकार, दो हफ़्ते में रिपोर्टें तलब


नज़राना टाइम्स लाहौर — 5 दिसंबर 2025
रिपोर्ट: अली इमरान चाठा 
 

लाहौर हाई कोर्ट (LHC) में आज एक महत्वपूर्ण कार्यवाही हुई, जिसमें एक भारतीय सिख यात्री द्वारा कथित वीज़ा उल्लंघन और पाकिस्तान में अवैध रूप से ठहरने के मामले पर दायर संवैधानिक याचिका को नियमित सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया। यह याचिका महेन्दर पाल सिंह द्वारा दायर की गई थी, जो एक प्रमुख पाकिस्तानी सिख नेता, पूर्व प्रांतीय विधायक और अल्पसंख्यक अधिकारों के सक्रिय समर्थक हैं। उनका संबंध ननकाना साहिब से है और वे वर्तमान में मुल्तान में रहते हैं।
मामला भारतीय नागरिक सरबजीत कौर से संबंधित है, जो 4 नवंबर 2024 को लगभग 2,000 सिख यात्रियों के समूह के साथ वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान में प्रवेश हुई थीं। उन्हें 13 नवंबर 2024 तक का एक बार प्रवेश वाला तीर्थ–वीज़ा जारी किया गया था। लेकिन पाकिस्तान पहुँचने वाले दिन ही वह अपने समूह से लापता हो गईं और अगले दिन, 5 नवंबर को, शेखूपुरा के निवासी नासिर हुसैन नामक व्यक्ति से चुपचाप विवाह कर लिया। विवाह से पहले उनके धर्म परिवर्तन की भी रिपोर्टें सामने आई हैं और 10,000 रुपये की सौगात (दहेज) का भी उल्लेख है।
याचिकाकर्ता के वकीलों ने अदालत में तर्क दिया कि सरबजीत कौर का समूह से गायब होना, वीज़ा अवधि से अधिक रुकना और बिना अनुमति के निवास करना स्पष्ट रूप से वीज़ा नियमों का उल्लंघन है। याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत में उनके कथित आपराधिक रिकॉर्ड के बावजूद उन्हें यात्रा की अनुमति देना सुरक्षा के लिहाज से गंभीर प्रश्न खड़े करता है। याचिका में उन पर भारत द्वारा भेजी गई संदिग्ध एजेंट होने का संदेह भी जताया गया है और उनकी त्वरित गिरफ्तारी व भारत वापस भेजने की माँग की गई है।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति फ़ारूक़ हैदर ने याचिका को नियमित सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए निर्देश दिया कि गृह मंत्रालय, आव्रजन विभाग, संघीय जाँच एजेंसी (FIA) और अन्य संबंधित संस्थान दो हफ़्तों के भीतर विस्तृत रिपोर्टें अदालत में जमा करें।
आज की कार्यवाही में ननकाना साहिब संगत के सरदार रविंदर सिंह और मनमीत सिंह भी मौजूद थे, जिससे इस मामले को लेकर सिख समुदाय की गंभीर चिंता स्पष्ट होती है।
अगली सुनवाई अदालत द्वारा घोषित की जाने वाली तिथि पर होगी। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब भारत–पाकिस्तान के बीच तीर्थ–यात्रा प्रबंधन पर बातचीत जारी है, और हर वर्ष आने वाले हज़ारों यात्रियों की पृष्ठभूमि में कड़ी वीज़ा निगरानी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।


Author: Ali Imran Chattha
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