स्वतंत्रता दिवस पर शहीदों, सिविल और सैन्य नेतृत्व का सम्मान
- इंटरनेशनल
- 14 Aug,2025

इस्लामाबाद , अली इमरान चट्ठा
पाकिस्तान ने अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के साथ मनाया, जहां राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने शीर्ष सैन्य और नागरिक सम्मान प्रदान किए। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेवा प्रमुखों, वरिष्ठ मंत्रियों और शहीदों के परिवारों ने भाग लिया। इस दौरान हाल ही में हुए 'मरका-ए-हक' संघर्ष और 'ऑपरेशन बुनियान-उम-मरसूस' में सेवा देने वालों को श्रद्धांजलि दी गई।
शीर्ष सैन्य अधिकारियों को सम्मान
संघर्ष के दौरान कार्रवाइयों का नेतृत्व करने वाले कमांडरों को देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान दिए गए। आर्मी चीफ फील्ड मार्शल सैयद आसिम मुनीर को उनके नेतृत्व के लिए 'हिलाल-ए-जुर्रत' से सम्मानित किया गया। एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्दू को भी हवाई लड़ाई का नेतृत्व करने के लिए 'हिलाल-ए-जुर्रत' मिला।
नेवल चीफ एडमिरल नवीद अशरफ और चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी जनरल साहिर शमशाद मिर्जा को 'निशान-ए-इम्तियाज (मिलिट्री)' से सम्मानित किया गया। डीजी आईएसआई लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आसिम मलिक और डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी सहित वरिष्ठ खुफिया और ऑपरेशन कमांडरों को 'हिलाल-ए-इम्तियाज (मिलिट्री)' मिला।
नागरिक पुरस्कार विजेताओं में बिलावल भुट्टो भी शामिल
नागरिक नेतृत्व में पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी को 'निशान-ए-इम्तियाज (सिविल)' से सम्मानित किया गया। उन्हें संकट के दौरान पाकिस्तान का पक्ष पेश करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए मान्यता दी गई।
उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, सूचना मंत्री अताउल्लाह तारड़, कानून मंत्री आजम नजीर तारड़, गृह मंत्री मोहसिन नकवी और योजना मंत्री अहसान इकबाल सहित अन्य वरिष्ठ राजनेताओं को भी 'निशान-ए-इम्तियाज (सिविल)' मिला।
शहीदों को याद किया गया
समारोह में उन लोगों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ, हवलदार मुहम्मद नवीद, नायक वकार खालिद और लांस नायक दिलावर खान को मरणोपरांत 'तमगा-ए-बसालत' से सम्मानित किया गया। इसी तरह अन्य कई शहीदों को 'तमगा-ए-जुर्रत' और 'इम्तियाजी सनद' दिए गए।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति जरदारी ने सशस्त्र बलों की बहादुरी, शहीदों के बलिदान और नागरिक नेतृत्व की एकता की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार उन सभी का धन्यवाद हैं, जिन्होंने युद्ध के मैदान, समुद्र, हवा और कूटनीतिक मोर्चे पर पाकिस्तान की संप्रभुता की रक्षा की।
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