विश्वास, एकता और साहस: पंजाब बाढ़ में करतारपुर साहिब का नायाब बचाव

विश्वास, एकता और साहस: पंजाब बाढ़ में करतारपुर साहिब का नायाब बचाव

लाहौर,अली इमरान चठ्ठा(नज़राना टाइम्स)

पंजाब 37 साल में अपनी सबसे भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है। भारी मानसूनी बारिश और भारत के डैमों से अचानक जल रिलीज़ ने नदी क्षेत्रों में तबाही मचा दी, जिससे 1.1 मिलियन से अधिक लोग विस्थापित हुए। इस संकट का सामना करने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ और पंजाब मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ शरीफ़ की अगुवाई में केंद्रीय और राज्य सरकारों ने अभूतपूर्व राहत अभियान शुरू किया।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ़ ने डियामिर भाशा और मोहम्मद डैम जैसे नए जलाशयों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा, “इस सहयोग की भावना ने नुक़सान को कम करने में मदद की।”

बाढ़ के आँकड़े

1,652 गाँव जलमग्न

1.1 मिलियन से अधिक लोग बेघर

पंजाब में 15 मौतें; देशभर में 800+

खांकी और क़ादिराबाद में 1 मिलियन से अधिक क्यूसेक्स पानी

निर्वासन: चेनाब – 1,009,000; सतलज – 127,000; रावी – 11,000

करतारपुर साहिब में नायाब बचाव

नरवाल जिले का प्रसिद्ध गुरुद्वारा दरबार साहिब रावी नदी में बढ़े जल स्तर से डूब गया। पाकिस्तान आर्मी, रेस्क्यू 1122 और स्थानीय अधिकारियों की टीमों ने 150 से अधिक तीर्थयात्रियों और कर्मचारियों को सुरक्षित निकाला। कोई हानि नहीं हुई। मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने तत्काल जल निकासी के आदेश दिए। मंत्री सरदार रमेश सिंह अरोड़ा ने कहा, “सिख भाई-बहनों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”

नेतृत्व और कार्रवाई

प्रधानमंत्री शहबाज: आपात बैठकें, 5,000 तंबू, NDMA को चेतावनी प्रणाली सुदृढ़ करने का निर्देश, नरवाल दौरा

मुख्यमंत्री मरियम: संकट समीक्षा बैठकें, रावी नदी का निरीक्षण, अस्पताल स्टाफ़ की छुट्टियां रद्द, सात जिलों में सेना तैनात, PDMA Flood Survey 2025, नदी किनारे अतिक्रमण हटाना, मुर्री में पर्यटन प्रतिबंध

आपातकालीन प्रतिक्रिया 

700+ राहत शिविर

265 मेडिकल शिविर, 2,600 मरीजों का इलाज

214 पशु चिकित्सा शिविर

130+ नावें, 1,300 लाइफ जैकेट, 245 लाइफ रिंग

शहरों की सुरक्षा के लिए चेनाब नदी में नियंत्रित ब्रीच

मस्जिदों और साइनबोर्डों के माध्यम से जागरूकता अभियान

जलवायु चेतावनी और राजनीतिक चर्चा

फेडरल मंत्री अहसान इकबाल ने कहा कि भारत में नुकसान कम हुआ क्योंकि वहाँ मजबूत बाढ़ रोकथाम ढांचे हैं। विपक्ष ने नगर नियोजन और नदी किनारे अतिक्रमण को बाढ़ की जड़ बताया। मौसम विभाग ने पंजाब, केपी, गिलगित-बाल्टिस्तान और अज़ाद कश्मीर में भारी बारिश की चेतावनी दी है।

सीमा पार आयाम

पाकिस्तान ने भारत की अचानक जल रिलीज़ पर विरोध जताया, जिसमें इंडस वॉर्टर ट्रिटी 1960 के तहत पर्याप्त सूचना नहीं दी गई। भारत ने इसे आपातकालीन उपाय बताया। विशेषज्ञों ने भविष्य में रीयल-टाइम समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया।

आगे का रास्ता

बाढ़ के पानी के उतरने के बाद पुनर्वास और राहत कार्य पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दक्षिणी सिंध में सिंधु नदी के किनारे बाढ़ की आशंका है। गेट्स फाउंडेशन की WHO को $1 मिलियन सहायता राहत कार्य को सशक्त कर रही है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि अगर पाकिस्तान जलवायु-सहिष्णु ढांचा और सीमा पार समन्वय में निवेश नहीं करता, तो विनाश का चक्र जारी रहेगा।

“सच्ची परीक्षा केवल पुनर्वास की नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने की है कि पाकिस्तान फिर कभी इस तरह की तबाही का सामना बिना तैयारी के न करे।”


Author: Ali Imran Chattha
[email protected]
00923000688240

Posted By: TAJEEMNOOR KAUR
News Disclaimer:The news, articles and other materials published by Nazarana Times are based on the opinions of our reporters and writers. The institution is not responsible for the facts and names given in them and the institution does not necessarily agree with them.