ट्रंप ने भारत पर 50% टैरिफ लगाए, रूसी तेल खरीद पर बढ़ा व्यापार और कूटनीतिक तनाव
- इंटरनेशनल
- 06 Aug,2025

वॉशिंगटन / नई दिल्ली – अगस्त 2025:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव को और गहरा कर दिया है। उन्होंने भारत से आयात होने वाले वस्त्र, रत्न और चमड़े जैसे उत्पादों पर 50% तक टैरिफ (शुल्क) लगा दिए हैं। ट्रंप का कहना है कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहा है।
भारत सरकार ने इस फैसले को “अनुचित और गैरवाजिब” बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। भारत ने कहा है कि उसकी ऊर्जा सुरक्षा उसके लिए सर्वोपरि है, और रूस से तेल खरीद इस जरूरत को पूरा करने का एक ज़रिया है।
वार्ताएं विफल:
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन यह बातचीत उस वक्त टूट गई जब भारत ने कृषि क्षेत्र को अमेरिकी कंपनियों के लिए नहीं खोला। अमेरिका चाहता था कि भारत अपने बाजारों में अमेरिकी कृषि उत्पादों की एंट्री दे, लेकिन भारत ने घरेलू किसानों के हित में इससे इनकार कर दिया।
आर्थिक असर:
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के अमेरिका को निर्यात में 50% तक गिरावट आ सकती है। इससे न केवल रुपया कमजोर हो सकता है बल्कि महंगाई और बेरोजगारी में भी इज़ाफ़ा हो सकता है। खासकर कपड़ा और आभूषण जैसे क्षेत्रों में बड़ा असर पड़ने की आशंका है।
राजनीतिक और वैश्विक प्रतिक्रिया:
इस टैरिफ वृद्धि से भारत-अमेरिका रिश्तों में नई दरार आ गई है। यूरोपीय यूनियन और अन्य सहयोगी देशों ने ट्रंप की एकतरफा नीतियों को लेकर चिंता जताई है, जिससे वैश्विक व्यापार और कूटनीति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
मीडिया कवरेज:
• BBC ने रणनीतिक स्तर पर इसके दूरगामी प्रभावों पर सवाल उठाए।
• Al Jazeera ने इसे अमेरिका द्वारा ग्लोबल साउथ पर “दबाव बनाने की नीति” कहा।
• Fox News ने ट्रंप की रूस के खिलाफ सख़्त रुख को सराहा।
मुख्य निष्कर्ष:
ट्रंप का यह कदम केवल भारत-अमेरिका व्यापारिक रिश्तों को नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक और आर्थिक समीकरणों को भी हिला रहा है। यह एक ऐसे व्यापार युद्ध की शुरुआत हो सकती है, जिसके परिणाम दूरगामी होंगे।
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